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Pollution in Punjab: पंजाब में प्रदूषण का संकट, पराली जलाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे, राज्य गैस चेम्बर बना

Pollution in Punjab: पंजाब में प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और यह अब एक गंभीर संकट का रूप ले चुका है। धुंआ और धुंध के कारण राज्य पूरी तरह से गैस चेम्बर जैसा बन चुका है। पराली जलाने के मामलों में कोई कमी नहीं आ रही है, जबकि राज्य सरकार ने जुर्माना दोगुना कर दिया है, फिर भी लोग पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे। बुधवार को, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का विमान लुधियाना में घने स्मॉग के कारण लैंड नहीं कर सका था, और अब यह स्थिति और भी विकट हो गई है।

पंजाब के शहरों में घना स्मॉग, सांस लेना हुआ मुश्किल

बुधवार को, पंजाब के कई शहरों में भारी स्मॉग ने पूरे क्षेत्र को ढक लिया था, जिस कारण लोगों को बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ रहा था। सड़क पर दृश्यता बहुत कम हो गई थी और लोग शुद्ध हवा के लिए परेशान थे। विशेष रूप से, दिन की शुरुआत में जब लोग घरों से बाहर निकले, तो उन्होंने ऐसा दृश्य देखा कि कई लोगों ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कभी इतना धुंआ नहीं देखा था। इसके कारण सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और हवा में प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी थी।

पराली जलाने के कारण बढ़ते प्रदूषण के आंकड़े

पंजाब में पराली जलाने के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। अब तक राज्य में 7,621 जगहों पर पराली जलाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को 509 नए मामले सामने आए, जिसके बाद राज्य में कुल 7,630 से अधिक मामले हो चुके हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में सबसे अधिक मामले फारिदकोट और फिरोजपुर से सामने आए, जहां 91-91 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा मोगा में 88, मुक्तसर में 79, बठिंडा में 50, तरनतारन में 40, मंसा में 24, बरनाला में 16, फाजिल्का में 14, संगरूर में 7 और अमृतसर में 5 मामले सामने आए हैं।

Pollution in Punjab: पंजाब में प्रदूषण का संकट, पराली जलाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे, राज्य गैस चेम्बर बना

विमान सेवाओं पर भी असर, फ्लाइट्स देरी से पहुंचीं

घने स्मॉग के कारण न केवल सड़क यातायात प्रभावित हुआ है, बल्कि हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है। इंडिगो की फ्लाइट नंबर 5103 दिल्ली से अमृतसर के बीच बुधवार को रद्द हो गई। इसके अलावा, शारजाह से आ रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट छह घंटे की देरी से आई। इस फ्लाइट का सामान्य समय सुबह 7 बजे था, लेकिन खराब मौसम के कारण यह दोपहर 1 बजे पहुंची। इसी तरह, स्पाइसजेट की फ्लाइट नंबर SG 65 जो सुबह 7:40 बजे आनी थी, वह 11:15 बजे पहुंची, जबकि एयर इंडिया की फ्लाइट 453 जो दिल्ली से अमृतसर आ रही थी, वह 6:15 बजे के स्थान पर सुबह 9:15 बजे उतरी। कतर एयरवेज की फ्लाइट संख्या 548 भी समय पर नहीं पहुंच सकी और यह फ्लाइट 2:40 बजे की जगह 9:30 बजे आई।

पराली जलाने के मामलों में पंजाब सरकार की सख्त चेतावनी

चंडीगढ़ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने पंजाब सरकार को पराली जलाने के मामले में सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे राज्य में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए तुरंत कदम उठाएं। हालांकि, सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया है, लेकिन फिर भी लोग इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं।

पराली जलाने के खिलाफ संघर्ष में सरकार की नीतियां

पंजाब में पराली जलाने को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने जुर्माने को दोगुना कर दिया है, साथ ही किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके अलावा, किसानों को मुफ्त में कृषि यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि वे पराली जलाने से बचें। बावजूद इसके, इस मुद्दे पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है और राज्य में प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब हो रही है।

प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में उठाए जाने चाहिए कड़े कदम

पंजाब में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने की घटनाओं ने राज्य की आबोहवा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यह स्थिति राज्य के लिए स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकती है, क्योंकि प्रदूषण के कारण सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। राज्य सरकार को इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए ठोस और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

इसके लिए आवश्यक है कि कृषि विभाग किसानों को और अधिक जागरूक करे और उन्हें पराली जलाने से बचने के लिए अन्य वैकल्पिक उपायों के बारे में बताए। इसके अलावा, प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए, सरकार को न केवल सख्त कानून लागू करने की आवश्यकता है, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को भी तेज करने की जरूरत है।

पंजाब में प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और इस पर नियंत्रण पाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। जबकि सरकार ने जुर्माने को बढ़ा दिया है, फिर भी पराली जलाने की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। इसके अलावा, प्रदूषण के कारण जीवन सामान्य तरीके से जीना कठिन हो गया है। राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि पंजाब की प्रदूषण समस्या का समाधान हो सके और लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ हवा मिल सके।

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